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हम और हमारा समाज

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  हम जिस समाज में रहते हैं। उस समाज को क्या नाम दूं समझ में नहीं आ रहा है। कभी तो ऐसा लगता है कि इससे इस्लामी समाज का नाम दूं और कभी-कभी ऐसा लगता है की इसे जिस नाम से भी पुकारो उसी में फिट नहीं खाएगा। ऐसा माहौल है ऐसा समाज है कि किसी नाम के काबिल नहीं। कभी तो ऐसा लगता है कि समाज के रहने वाले को इस्लामी नाम पर पुकारूं। और कभी कभी ऐसा लगता है कि उसे बुराई का अड्डा के नाम से पुकारूं। कभी ऐसा लगता है कि भलाई नाम की कोई चीज मिलने का कोई उम्मीद ही नहीं। जुल्म अत्याचार का माहौल गरम है। न्याय नाम का कोई चीज ही  नहीं। सभी कोर्ट कचहरी में अन्याय का बोलबाला है। हर तरफ लोग परेशान नजर आ रहे हैं कोई इंसाफ इंसाफ का भीख मांग रहा है। बचाओ बचाओ के नाम पर गीत गाए जा रहा है। जिसके कोई सुनने वाला नहीं। सभी एक दूसरे के खिलाफ बातें कर रहे हैं पीठ पीछे बुराई कर रहे हैं। उसको गिराने के चक्कर में लगे रहते हैं। उसकी जमीन जायदाद को हड़पने के चक्कर में लगे हुए है। कोई अगर कुछ अच्छा कर रहा है तो हजार लोग उसके पीछे उसकी बुराई करने में लगे रहते हैं। कोई अगर बड़ा आदमी बन जाता है तो कहता फिरता है जरूर कोई गड़ब...

हवा ईश्वर अल्लाह का बहुत बड़ी नियमत है।

 हवा ईश्वर अल्लाह का दिया हुआ एक बहुत बड़ी नियमत है। उसके हमें शुक्रिया अदा करना चाहिए। क्योंकि हवा एक इंसान के लिए बहुत ही फायदेमंद हैं। बहुत ही लाभदायक है। हवा इंसान के शरीर को बहुत ही स्वस्थ रखता है। उसे हर तरह की बीमारी से मुक्त रखता है। हवा लेने से एक इंसान बहुत ही अपने आप को स्वस्थ तो महसूस करता है। सुकून महसूस करता है। हर तरह की परेशानियों और मुसीबतों को भूल जाता है। और हवा का भरपूर आनंद लेता है। सुहाना हवा दिल को सुकून देता है ठंडी ठंडी हवाएं आंखों को एक अलग ही रोशनी देती है। जब हवा चलती है तो पत्ते हिलते हैं। और सर सर की आवाज हमारे कानों में गूंजती रहती है। जिससे हमें एक अलग प्रकार का आनंद मिलता है। इसलिए दोस्तों खुला मैदान में जाकर या फिर बाग बगीचे में जाकर सुहाना सुहाना हवा और ठंडी ठंडी हवा का आनंद लेना चाहिए।

गंभीरतापूर्वक सोच-विचार

किसी भी प्रकार का संकट हमारे सामने आए तो हमें गंभीरतापूर्वक सोच,विचार कर उसका समाधान करना चाहिए। न कि उसे खेल समारोह बना कर लोगों के सामने प्रस्तुत करना चाहिए। #इलाज_करो_प्रवचन_नहीं

खबरों के प्रति हमारी जिम्मेदारी क्या है?

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दोस्तों! आइए सब से पहले हम यह जान लें कि खबरें होती क्या हैं? और उस के प्रति हमारी जिम्मेदारी क्या है? और खबरें हमारे लिए जानना क्यों जरूरी है? इन ही सारे प्रश्नों के उत्तर पाने के लिए हमारे इस पोस्ट को पुरा पढ़ें। 1️⃣ खबर का परिभाषा “समाचार (खबर) किसी अनोखी या असाधारण घटना की अविलम्ब सूचना को कहते हैं,जिसके बारे में लोग प्रायः पहले कुछ न जानते हों,लेकिन जिसे तुरंत ही जानने की अधिक -से-अधिक लोगों में रुचि हो।” 2️⃣ खबर के दो भाग होते हैं। (1) सच्ची ख़बर : वह है जो घटना के अनुसार हो। (2) झुठी ख़बर : वह है जो घटना के विरोध हो। [3] खबरों को जानना हमारे लिए क्यों जरूरी है? हम जिस दौर से गुजर रहे हैं उसे साइंस-टैक्नालाॅजी और तरक्की का दौर कहा जाता है। आज रेडियो, टेलीविजन और सब से ज्यादा उपयोग किया जाने वाला मोबाइल फोन लगभग हर घर में उपलब्ध है। और इस संसार में रोजाना कुछ न कुछ नई चिजें आविष्कार होती हैं। और कहीं-न-कहीं घटना घटती जा रही हैं। इस लिए हमें इन खबरों का जानना बेहद जरूरी है। ताकि हम तक कोई मुसीबत आने से पहले आगाह हो जाऐं। और उस से सतर्क रहें। [4] खबरों के प्रति हम...