खबरों के प्रति हमारी जिम्मेदारी क्या है?
दोस्तों! आइए सब से पहले हम यह जान लें कि खबरें होती क्या हैं? और उस के प्रति हमारी जिम्मेदारी क्या है? और खबरें हमारे लिए जानना क्यों जरूरी है? इन ही सारे प्रश्नों के उत्तर पाने के लिए हमारे इस पोस्ट को पुरा पढ़ें।
1️⃣ खबर का परिभाषा
“समाचार (खबर) किसी अनोखी या असाधारण घटना की अविलम्ब सूचना को कहते हैं,जिसके बारे में लोग प्रायः पहले कुछ न जानते हों,लेकिन जिसे तुरंत ही जानने की अधिक -से-अधिक लोगों में रुचि हो।”
2️⃣ खबर के दो भाग होते हैं।
(1) सच्ची ख़बर : वह है जो घटना के अनुसार हो।
(2) झुठी ख़बर : वह है जो घटना के विरोध हो।
[3] खबरों को जानना हमारे लिए क्यों जरूरी है?
हम जिस दौर से गुजर रहे हैं उसे साइंस-टैक्नालाॅजी और तरक्की का दौर कहा जाता है। आज रेडियो, टेलीविजन और सब से ज्यादा उपयोग किया जाने वाला मोबाइल फोन लगभग हर घर में उपलब्ध है। और इस संसार में रोजाना कुछ न कुछ नई चिजें आविष्कार होती हैं। और कहीं-न-कहीं घटना घटती जा रही हैं। इस लिए हमें इन खबरों का जानना बेहद जरूरी है। ताकि हम तक कोई मुसीबत आने से पहले आगाह हो जाऐं। और उस से सतर्क रहें।
[4] खबरों के प्रति हमारी जिम्मेदारी
आज मेडिया वाले सच एवं झुठ की पहचान मुश्किल कर दिये हैं। अपराधी को गैर अपराधी इसी तरह गैर अपराधी को अपराधी बना कर प्रस्तुत करते हैं। ऐ लोग सदैव जनता को सच्चा समाचार से दुर रख कर अपराधियों के कटपुतली बने हुए होते हैं। मामुली सी बात पर नमक छेड़क कर बड़ा मामला बनाना कोई इन बिकाऊ मीडिया से सिखें। धर्म के नाम पर नफरतें बांटना इनका रोजाना का महत्वपूर्ण भाग है।
ऐसे में हमारी जिम्मेदारी बढ़ जाती हैं। कि हम उन के खिलाफ आवाज उठाऐं। और अपने मुमकिन भर उन खबरों की जाँच पड़ताल करें। और उस से लोगों को आगाह करें।
आपका शुभचिंतक भाई
मसरुर अहमद ऐनुल हक़ कटिहारी
1️⃣ खबर का परिभाषा
“समाचार (खबर) किसी अनोखी या असाधारण घटना की अविलम्ब सूचना को कहते हैं,जिसके बारे में लोग प्रायः पहले कुछ न जानते हों,लेकिन जिसे तुरंत ही जानने की अधिक -से-अधिक लोगों में रुचि हो।”
2️⃣ खबर के दो भाग होते हैं।
(1) सच्ची ख़बर : वह है जो घटना के अनुसार हो।
(2) झुठी ख़बर : वह है जो घटना के विरोध हो।
[3] खबरों को जानना हमारे लिए क्यों जरूरी है?
हम जिस दौर से गुजर रहे हैं उसे साइंस-टैक्नालाॅजी और तरक्की का दौर कहा जाता है। आज रेडियो, टेलीविजन और सब से ज्यादा उपयोग किया जाने वाला मोबाइल फोन लगभग हर घर में उपलब्ध है। और इस संसार में रोजाना कुछ न कुछ नई चिजें आविष्कार होती हैं। और कहीं-न-कहीं घटना घटती जा रही हैं। इस लिए हमें इन खबरों का जानना बेहद जरूरी है। ताकि हम तक कोई मुसीबत आने से पहले आगाह हो जाऐं। और उस से सतर्क रहें।
[4] खबरों के प्रति हमारी जिम्मेदारी
आज मेडिया वाले सच एवं झुठ की पहचान मुश्किल कर दिये हैं। अपराधी को गैर अपराधी इसी तरह गैर अपराधी को अपराधी बना कर प्रस्तुत करते हैं। ऐ लोग सदैव जनता को सच्चा समाचार से दुर रख कर अपराधियों के कटपुतली बने हुए होते हैं। मामुली सी बात पर नमक छेड़क कर बड़ा मामला बनाना कोई इन बिकाऊ मीडिया से सिखें। धर्म के नाम पर नफरतें बांटना इनका रोजाना का महत्वपूर्ण भाग है।
ऐसे में हमारी जिम्मेदारी बढ़ जाती हैं। कि हम उन के खिलाफ आवाज उठाऐं। और अपने मुमकिन भर उन खबरों की जाँच पड़ताल करें। और उस से लोगों को आगाह करें।
आपका शुभचिंतक भाई
मसरुर अहमद ऐनुल हक़ कटिहारी
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